हरियाणा में इनेलो को बड़ा झटका, बलवान सिंह दौलतपुरिया ने थामा भाजपा का दामन
सत्यखबर हरियाणा (संदीप चौधरी) – लोकसभा चुनावों में बीजेपी की बंपर जीत ने अब विधानसभा चुनावों को लेकर उसकी रणनीति को और आक्रामक बना दिया है। इसकी तस्वीर शुक्रवार शाम फतेहाबाद में सीएम मनोहर लाल की रैली के दौरान इनेलो विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया के बीजेपी में शामिल होने के साथ ही साफ हो गई। लेकिन बीजेपी फतेहाबाद से नॉन जाट उम्मीदवार को चुनावी समर में उतारने की रणनीति पर शुरू से काम कर रही है। बीजेपी सूत्रों की मानें तो ऐसे में बलवान सिंह दौलतपुरिया को टिकट की कन्फर्मेशन नहीं दी गई है। हां, उन्हें इतना आश्वासन जरूर दिया गया है कि दोबारा बीजेपी सरकार बनने पर उन्हें ‘एडजस्ट’ कर दिया जाएगा। सुनीता दुग्गल के सांसद बनने के बाद उनकी चेयरपर्सन वाली कुर्सी तो खाली है ही।
कांग्रेस नेता दुड़ाराम ने बीजेपी से किसी भी तरह की बातचीत से किया इंकार
दरअसल फतेहाबाद सीट के लिए बीजेपी की पहली पसंद दुड़ाराम हैं जो बीजेपी के तमाम मापदंडों पर खरे उतरते हैं। लेकिन सूत्रों की मानें तो दुड़ाराम न केवल टिकट कन्फर्मेशन चाहते हैं बल्कि सरकार में हिस्सेदारी भी सुनिश्चित करना चाह रहे हैं। यहीं पर बात अड़ गई। हालांकि कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक दुड़ाराम फिलहाल बीजेपी से किसी भी तरह की बातचीत से साफ इंकार कर रहे हैं।
दरअसल दुड़ाराम को इस समय फतेहाबाद विस से सबसे मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। हालांकि पिछले दोनों चुनाव वो हार चुके हैं लेकिन उनकी हार में वोटों का अंतर काफी कम रहा है। दोनों बार उनकी हार का अंतर महज दो से ढाई हजार वोटों तक का ही रहा। उन्हें पिछली बार तो इनेलो विधायक रहे बलवान सिंह दौलतपुरिया ने ही हराया था।
दुड़ाराम तब हजकां की टिकट से मैदान में थे लेकिन उनकी स्थिति किसी निर्दलीय से अलग नहीं थी। पहले डॉ. सिवाच के चुनावी मैदान से हटने फिर स्वतंत्र बाला द्वारा बलवान को राखी बांधने के बावजूद बीजेपी टिकट से लड़ना और अंत में डेरा सच्चा सौदा द्वारा बीजेपी को समर्थन के चलते दुड़ाराम को हार का मुंह देखना पड़ा।
इसके बावजूद वो 57 हजार से अधिक वोट लेने में कामयाब रहे थे। उनके इसी वोट बैंक पर बीजेपी आलाकमान की नजर है। वो या तो बीजेपी में दुड़ाराम को शामिल करवाकर जीत सुनिश्चित करना चाह रहे हैं, अन्यथा उनकी कोशिश दुड़ाराम के इसी वोट बैंक में जबरदस्ती सेंधमारी करने की रहेगी।
मेरी बीजेपी के किसी नेता से न तो कोई बात हुई है और न ही बीजेपी में शामिल होने के बारे में कोई विचार चल रहा। मैं कांग्रेस में हूं और कांग्रेस की मजबूती के लिए ही निरंतर प्रयास करता रहूंगा।